मेंडक से सिख | अपने पुरुषार्थ पर भरोसा करना चाहिए

Pravin Thakur
भगवान् ने एक मेंडक की भक्ति से प्रसन्न होकर उसकी इच्छा पूछी, मेंडक ने कहा- मेरे मन में कोई आकांक्षा नहीं है, भक्ति में मुझे हर पल आनंद आता है और में बहुत खुश हूँ, परन्तु एक कठिनाई है जब भी धियान करने बेठ जाता हूँ, एक चूहा मेरे ध्यान में विघ्न पहुंचाता है.

भगवान ने कहा- में तुमको बिल्ली बना देता हूँ, फिर निर्भय होकर रेह सकोगे तुम.

मेंडक ने बगैर सोचे समझे हामी भर दी और बिल्ली बन गया, साधना का कर्म चलता रहा, अब बिल्ली को कुत्ते का भय सताने लगा. एक दिन पुन: भगवान प्रकट हुए तो बिल्ली ने अपनी पूरी समस्या रखी, तब भगवान ने उसे बिल्ली से कुत्ता बना दिया.

इसी तरह वो कुत्ते से चिता, चिता से शेर बना दिया गया, अब उसे शिकारी का भय सताने लगा, मेंडक रोज रोज के बदलाव से बहुत दुखी होगया था, उसने सोचा दूसरों के सहारे कब तक जिया जासकता है, अपने पुरुषार्थ पर भरोसा करना चाहिए, भगवान से प्रार्थना कर मेंडक पुनः अपने मूल्य रूप में आगया.

इस कहानी से हमें किया सिख मिलती है?

दोस्तों हम सभी को भगवान ने इस संसार में जो भी दिया है बहुत सोच समझ के दिया है, चाहे वो जीवन हो, दुख हो, या खुसी, ETC. लेकिन हम इन सभी अनमोल बातों को छोड़कर हमेशा भविष्य में लगे रहेते हैं, हमेशा दूसरों की तुलना में समय बेकार कर देते हैं. की काश मेरे पास ये होता तो अच्छा होता वो होता तो अच्छा होता, और जीवन का आनंद नहीं ले पाते हैं. मित्रों इस संसार में मौका हर किसी को मिलता है, लेकिन थोडा सब्र करना पड़ता है
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Pravin Thakur